पढ़े कानपुर बढ़ें कानपुर     

                                     


सिद्धार्थ ओमर


कानपुर । आज पीपीएन इंटर कॉलेज कानपुर में "पढ़े कानपुर बढ़ें कानपुर" में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। विद्यालय के प्रधानाचार्य राकेश कुमार यादव ने पढ़े कानपुर बड़े कानपुर के संदर्भ में बताया कि कानपुर की स्थापना सचेंदी राज्य के राजा हिंदू सिंह ने की थी।कानपुर का मूल नाम कान्हपुर था। कानपुर पटकापुर, कुरसावां, पुराना कानपुर,जूही तथा सीसामऊ गांव से मिलकर बना था।1773 की संघि के बाद यह नगर अंग्रेजों के शासन में आया,गंगा के तट पर स्थित होने के कारण यातायात तथा उद्योग धंधों की सुविधा थी।अट्ठारह सौ चौंसठ में लखनऊ कालपी आदि मुख्य स्थानों से सड़कों द्वारा जोड़ दिया गया ।अट्ठारह सौ सत्तावन के भारतीय विद्रोह के दौरान इस शहर में भारतीय सेनाओं ने ब्रिटिश टुकड़ियों का कत्लेआम किया था। अट्ठारह सौ सत्तावन ईसवी के शुरू में सर कॉलिंग कैंपबेल ने कब्जा कर लिया था।


आज कानपुर में प्रमुख औद्योगिक केंद्र हैं 2011 की जनगणना के अनुसार कानपुर नगर की आबादी 4581268 थी। प्रमुख शिक्षण संस्थाएं में आईआईटी,चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय,राष्ट्रीय शर्करा संस्थान,मेडिकल कॉलेज, छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय ,डॉ० भीमराव अंबेडकर इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी फॉर हैंडिकैप्ड। कानपुर के दार्शनिक स्थल शोभन मंदिर, ब्लूबर्ड ,नाना राव पार्क, चिड़ियाघर, राधा कृष्ण मंदिर, इस्कॉन मंदिर, हनुमान मंदिर, सिद्धनाथ मंदिर ,आनंदेश्वर मंदिर, जागेश्वर मंदिर, साईं मंदिर आदि है। कानपुर में आवागमन के लिए इस समय हवाई मार्ग, रेल मार्ग व सड़क मार्ग है। गंगा का उदगम  एवं धार्मिक सांस्कृतिक महत्त्व के अंतर्गत ब्रह्मा के कमंडल से गंगा की जन्म उत्पत्ति, नमामि गंगे के अंतर्गत नदी की सफाई के लिए कई बार पहल की गई है लेकिन कोई भी संतोषजनक स्थिति तक नहीं पहुंच पाया। प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद से भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने गंगा नदी में प्रदूषण को नियंत्रण करने के लिए इसकी सफाई का अभियान चलाया। इसके बाद उन्होंने जुलाई 2014 में भारत के आम बजट में नमामि गंगे नामक एक परियोजना आरंभ की। गंगा सफाई एवं स्वच्छ पेयजल व्यवस्था के महत्व को दृष्टिगत रखते हुए भारत सरकार के अधीन जल शक्ति मंत्रालय बनाया गया।