जूही में मनाया गया जश्ने मखदूम शाह आला का जलसा

शहंशाहे कानपुर है हज़रत मखदूम शाह आला-मुफ्ती हनीफ

मुल्क में अमन, चैन, खुशहाली व तरक्की के लिए दुआ की गई
कानपुर, 27 अक्टूबर। अल्लाह तआला कुरआन पाक में इरशाद फरमाता है कि खबरदार अल्लाह के वलियों को न कोई दुनिया का खौफ (डर) है और नही उकबा (आखिरत) का गम। मुसलमानों अगर तुम अपनी भलाई चाहते हो तो अल्लाह के वलियों के करीब हो जाओ और अल्लाह के वलियों के दामन को मज़बूती से थाम लो कामयाबी तुम्हारे कदम चूमेंगी। उक्त विचार जश्ने मखदूम शाहे आला के जलसे को सम्बोधित करते हुए मुफ्ती-ए-शहर हज़रत मौलाना अलहाज मुफ्ती मोहम्मद हनीफ बरकाती खलीफा हुज़ूर सरकार रफीके मिल्लत ने टायर मण्डी, जूही नहरियां में व्यक्त किये। श्री बरकाती ने कहा कि शहंशाहे कानपुर हज़रत शैख अलाउल हक वद्दीन मोहम्मद यूसूफ उर्फ हज़रत मखदूम शाह आला का जन्म 21 रमज़ानुल मुबारक 570 हिजरी मुताबिक 1175 ई0 को ईरान के शहर जंजान में हुआ।



प्रारंभिक शिक्षा को बाद उच्च शिक्षा का अदिग्रहण के लिए बगदाद का सफर किया जहाँ दो साल तक रहे उन दिनों में आप ने कुरआन हदीस फिकह अबद इतिहास आदि सीखा। वहां से ईरान वापस आए और वहां से दिल्ली जाजमऊ आए। क्रूर शक्ति का नाश किया और पूरे क्षेत्र को शांतिपूर्ण बना दिया। हज़रत मखदूम शाह आला ने अपना 60 साल का जीवन जाजमऊ में व्यतीत किया और 27 सफर को आपका विसाल हुआ। आपका मज़ार इतिहासिक स्थान जाजमऊ में आस्था का केन्द्र है जहां पर हर जाति हर धर्म के लोग अपनी अपनी मन्नते मांगते है और मन्नते मुरादे पूरी होती है।
 श्री बरकाती ने कहा कि हज़रत मखदूम शाह आला ने अपने छोटे और बड़ों से हमेशा इखलाक मोहब्बत से पेश आते थे। यह अल्लाह के वलियों का संदेश हमेशा अच्छाईयों की तरफ ले जाता है। बुराईयों को रोकने के लिए अल्लाह के वलियों ने हमेशा अच्छा संदेश दिया है। मुसलमानों अल्लाह के वलियों के करीब हो जाओ बुराईयों दूर हो जायेंगी। शराब, जुआं, स्मैक, हरामकारी से बचो अल्लाह तुमसे राज़ी हो जायेगा और पांचो वक्त की नमाज़ को पाबंदी से अदा करो। इससे पूर्व कालपी शरीफ के सज्जादानशीन हज़रत मौलाना सय्यद ग्यासुद्दीन अहमद तिरमिज़ी व हज़रत मौलाना मोहम्म्द मुर्तुज़ा शरीफी ने भी जलसे को सम्बोधित किया। जलसे की शुरूआत तिलावते कुरआन पाक से हज़रत हाफिज़ व कारी मोहम्मद आज़म रज़वी ने की और बारगाहे रिसालत में गुलाम नूरे मुजस्सम इलाहाबाद, हाफिज़ इकबाल अहमद बेग कादरी, शोएब रज़ा अज़हरी, हाफिज़ मोहम्मद अहमद मदारी ने नात शरीफ का नज़राना पेश किया। जलसे की अध्यक्षता काज़ी-ए-शहर कानपुर हज़रत मौलाना आलम रज़ा खां नूरी व संचालन मौलाना आसिफ रज़ा हबीबी ने किया। इस अवसर पर मुल्क में अमन व चैन, खुशहाली व तरक्की की दुआ की गई और लोगों को लंगरे मखदूम शाह आला वितरित किया गया। इस अवसर पर प्रमुख रूप से मोहम्मद शाह आज़म बरकाती, अब्दुल कुद्दूस, मोहम्मद ताज अंसारी, मोहम्मद कमाल आदि लोग उपस्थित थे।