12 सूत्रीय मांगों को लेकर राष्ट्रव्यापी हड़ताल का शहर में मिला जुला रहा असर   

स्टेट बैंक को छोड़कर बाकी सभी बैंक शाखाओं में नहीं हुआ कामकाज 

 

कानपुर। श्रम संगठनों और यूनियनों द्वारा 12 सूत्रीय मांगों को लेकर राष्ट्रव्यापी हड़ताल का शहर में मिला जुला असर रहा। कहीं कारखानों में मजदूरों की संख्या कम रही तो गैर सरकारी और राष्ट्रीयकृत संस्थानों के गेट पर कर्मचारियों ने प्रदर्शन कर नारेबाजी की। वहीं स्टेट बैंक को छोड़कर बाकी सभी बैंक शाखाओं में कामकाज नहीं हुआ। वहीं श्रमिक नेताओं ने हड़ताल सफल होने का दावा किया है।
श्रम संगठन निजीकरण की नीति के विरुद्ध, श्रम कानूनों और मजदूर विरोधी संशोधन के खिलाफ, न्यूनतम वेतन 21000 करने, सरकारी क्षेत्र के कारखानों को बेचने से रोकने, बैंकों के विलय एवं निजीकरण के विरोध, अस्थाई एवं ठेके के मजदूरों तथा स्कीम वर्कर्स को स्थाई करने आदि मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। इसी क्रम में बुधवार को श्रम संगठनों ने देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया था।
बुधवार को कानपुर में राष्ट्रीयकृत बैंकशाखा,एलआइसी जनरल इंश्योरेंस समेत ज्यादातर औद्योगिक संस्थानों में कामकाज नहीं हुआ। शहर के पांचों ऑर्डिनेंस कारखानों में भी आंशिक असर नजर आया। पिछले दिनों कर्मचारियों ने पांच दिवसीय हड़ताल की थी। दादानगर एवं पनकी औद्योगिक क्षेत्र में कुछ देर के लिए मजदूरों ने जाम लगाकर प्रदर्शन किया। औद्योगिक क्षेत्र में 40 से 50 फ़ीसद मजदूर काम पर नहीं गए।
पेट्रोलियम प्लांट में श्रमिक यूनियनों ने गेट पर एकत्रित होकर की मीटिंग  

पनकी स्थित पेट्रोलियम प्लांट में श्रमिक यूनियनों ने गेट पर एकत्रित होकर मीटिंग की। विद्युत सबस्टेशनों पर भी कार्य बहिष्कार रहा। उत्तर प्रदेश एटक के संरक्षक कामरेड अरविंद राज स्वरूप तथा कानपुर एटक के नेता असित सिंह,राम प्रसाद कनौजिया,ओम प्रकाश आनंद आदि ने हड़ताल सफल होने की बात कही और कहा मांगें न मांगे जाने तक मजदूरों का आंदोलन जारी रहेगा।
राष्ट्रीय स्तर की हड़ताल से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के अधिकारियों व कर्मचारियों ने खुद को अलग रखा। स्टेट बैंक की शाखाएं खुली रहींए जबकि अन्य बैंकों में कामकाज नहीं होने से ग्राहक परेशान रहे। हड़ताल में ज्यादातर बैंक संगठन शामिल रहे। नेशनल कंफेडरेशन ऑफ बैंक इंप्लाइजए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया स्टॉफ