ठेकेदार सतीश की शह पर एक मेडिकल की आड़ में कई अवैध वेंडर रेलवे में सक्रिय

 


ठेकेदार सतीश की शह पर एक मेडिकल की आड़ में कई अवैध वेंडर रेलवे में सक्रिय



नदीम सिद्दीकी / अमित कश्यप 



कानपुर-अवैध वेंडरों की बढ़ती संख्या को देखते हुए रेलवे विभाग ने कई ऐसे नियम बनाए है जिससे अवैध वेंडरों की धमाचौकड़ी पर लगाम लगाई जा सके बिना मेडिकल व स्टाल धारक द्वारा जारी कार्ड के अगर कोई वेंडर परिसर में यात्रियों को खाद्य सामग्री बेचता दिखाई देता है तो उस पर विभाग कार्यवाही करता है परंतु कुछ स्टाल धारक के ठेकेदार उसी नियमो की आड़ लेकर अवैध वेंडरों से खाद्य सामग्री बिक़वाकर लाखो कमा रहे है 


प्राप्त जानकारी के अनुसार सोपान रेस्टोरेंट व इलियास के वेंडरों की पूरी बटालियन रेलवे के सभी प्लेटफार्मो पर खाद्य सामग्री बेच रही है जिन्हें रोकने वाला कोई नही है जबकि नियमानुसार जिस प्लेटफार्म पर स्टाल या रेस्टोरेंट होगा उसी पर ही रनिंग वेंडरों द्वारा खाद्य सामग्री बेची जा सकती है किसी अन्य पर नही परन्तु ठेकेदारो की रेलवे में पकड़ होने की वजह से वेंडर अधिकांश  प्लेटफार्मो पर खाद्य सामग्री बेच रहे है वेंडरों की धमाचौकड़ी का यही से अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि दूसरे प्लेटफार्मो पर जाने के लिए सीढियो व सुरंगों से ना जाकर पटरियों को फांदकर अन्य प्लेटफार्मो पर जाते है जबकि रेल एक्ट के अनुसार पटरी फांदने पर धारा 147 के तहत कारवाही की जाती है ठेकेदार की सेटिंग के आगे सारे नियम हवा हवाई हो जाते है इसके अलावा मौका मिलने  वेंडर यात्रियों से ओवर चार्जिंग भी करने से भी नही चूकते है पर पूछने पर उनका कहना कि ठेकेदार सबको पहले से समझा कर भेजता है वेंडरों से उनके मेडिकल के बारे में पूछा गया तो उन्होंने स्टाल कार्ड आगे कर दिया ज्यादातर वेंडरों के पास स्टाल कार्ड ही नजर आए इससे साफ पता चलता है ठेकेदार चन्द मेडिकल की आड़ में सैकड़ो अवैध वेंडरो को परिसर में उतार कर यात्रियों को मनमाने दामो पर खाद्य सामग्री बिक़वाकर लाखो कमा रहे है


रेलवे को सोने की मुर्गी समझ हर कोई दौलत के लिए एक दूसरे से दो दो हाथ करने के लिए कई स्टालों के ठेकेदार तैयार खड़े रहते है जो जीत गया समझो वो टिक गया कमाई के मामले में सबको पछाड़ता हुआ सूत्रों एव चर्चाओं द्वारा एक नाम निकलकर सामने आ रहा है जिसे लोग सतीश कहते है जिसकी जड़े पूरे खानपान विभाग में फैली हुई है जिसके सैकड़ो वेंडर पूरे परिसर में फैले हुए है जो खुद को सोपान व इलियास कैटरिंग का कर्ता धर्ता ठेकेदार बताता है सतीश के दिशा निर्देश पर चलकर वेंडरों की पूरी बटालियन सभी प्लेटफार्मो पर घूम घूमकर यात्रियों को महंगे दामो पर सामग्री बेचती है सूत्रों की माने तो सतीश की जड़े इतनी गहरी है इसके स्टालो के आस पास खानपान निरीक्षक अशोक भैरवा भी नही फटक सकता है  जबकि अशोक भैरवा का काम है कि वो रोज़ाना सभी स्टालो पर बिकने वाली खाद्य सामग्री चेक करे सूत्र बताते है कि चन्द मेडिकल की आड़ में सतीश सैकड़ो वेंडर स्टेशन पर उतारे हुए है सतीश को ये भी डर नही है कि बिना सत्यापित किए किसी वेंडर ने अगर परिसर में कोई आपराधिक घटना को अंजाम दे दिया तो उसकी शिनाख्त कैसे होगी आतंकी घटनाओं को देखते हुए आए रोज रेलवे पुलिस द्वारा परिसर में सर्चिंग अभियान चलाया जाता है ताकि कोई अप्रिय घटना ना घट पाए बावजूद इसके कमाई के लालच में सतीश जैसे ठेकेदारो द्वारा रेलवे में अवैध वेंडरों की सरगर्मी सुरक्षा में सेंध का काम कर रही है