कानपुर । उत्तर प्रदेश पुलिस सेवा न केवल भारत, बल्कि विश्व की सबसे बड़ी पुलिस सेवा है। 'परित्राणाय साधूनाम, विनाशाय च दुष्कृताम” यानी अच्छे का संरक्षण, बुरे का विनाश यूपी पुलिस का आदर्श वाक्य है।
परन्तु वर्तमान में कुछ पुलिस कर्मी इस आदर्श वाक्य को बदनाम कर रहे हैं । कुछ खाकी का भोकाल का रंग पहनने वाले के साथ साथ अब उस के परिवार के नवजवानों पे भी चढ़ कर बोलने लगा है । वर्दीधारी परिवार के लड़के अब अपराधियों से सम्बन्ध व अपराध करने से भी नही चूक रहें हैं । गौरतलब बात ये है कि इन वर्दीधारी परिवार से ताल्लुक रखने वाले घर के लड़के कोई अपराध करते हैं तो आला अधिकारी कार्यवाही करने के बजाय बचाव पक्ष में आते दिखाई देते हैं जिस का उदाहरण शहर में प्रमुख दो घटनाये हैं ।
पहली घटना 22 अगस्त 2019 को शहर के हरबंस मोहाल थाने का है,जहां मामूली विवाद में एक सिपाही का दबंग बेटा और एक अन्य सिपाही का भाई ने अपने 30,40 साथियों के साथ जम कर बवाल काटा, फायरिंग की और थाने में पथराव तक कर दिया था। जवाबी कार्यवाही में पुलिसकर्मियों ने लाठी पटक कर भीड़ को तितर बितर किया। सूचना मिलने पर कई थानों का फोर्स मौके पर पहुँचा था ।
यहाँ के स्थानीय नागरिकों का आरोप था कि सिपाही का दबंग बेटा राकी और एक अन्य सिपाही का भाई बउवा अपने दोस्तों के साथ आये दिन कानपुर के घण्टाघर पर बवाल एवं मारपीट करते रहते हैं। मना करने पर हंगामा करते हैं और अकसर पुलिस से भी भिड़ जाते हैं, पुलिस यहां अमूमन बैकफुट पर रहती है ।
दूसरी घटना बीते बुधवार को हुई जिस में अपने विभाग में कार्यरत पुलिस वाले के हत्यारे बेटे को घटना के तुरंत बाद आला अधिकारियों ने बचाने की कवायद शुरू कर दी थी,,, मामला कांग्रेसी नेता की हत्या का है,,, जिसे बीते बुधवार की दोपहर को अंजाम दिया गया था,,, और अब हत्यारे बेटे को बचाने के लिए पूरा पुलिस महकमा हर कोशिश करने में जुटा हुआ था,,, तभी वॉयरल हुए एक वीडियो ने पूरे मामले की कलई खोलकर रख दी है,,, जिसमें अभी तक के बयानों और घटनाक्रम के अनुसार यह सही था कि प्रशांत के पिता हत्यारोपी रवि के घर तगादा करने गए हुए थे,,, जहां रवि ने तानाशाही दिखाई तो उन्होंने अपने बेटे को फोन किया और पूरे मामले से अवगत कराया,,, जिसकी सूचना मिलते ही प्रशांत के दोस्त प्रखर और शोएब भी अन्य साथियों के साथ रवि के घर पहुँच गए,,, तो हकीकत में पाया कि हत्यारोपी रवि ने अपने मुख्य गेट को बंद कर रखा था जिसमे प्रशांत के पिता बंधक बने हुए थे,,, मौके पर पहुँचे शोएब और प्रखर ने गेट खुलवाया और रवि को बड़े बुजुर्गों का सम्मान करने की तहजीब का ताना देने लगे,,, जिसपर रवि ने अपने पुलिस पिता को मोबाइल फोन मिलाया और कहां,,, हेलो,,, पापा,,, इन्होंने लड़के बुला लिए हैं,,, बताओ क्या करना है,,, इतना कहते हुए अंदर चला गया,,, और चंद ही मिनट बाद निकला तो भगदड़ मच गई,,, क्योंकि रवि की हाथ मे लोडेड रायफल थी,,, जिसने पलक छपकते ही गोलियां चलाना शुरू कर दिया था,,, सभी लोग भाग खड़े हुए लेकिन शोएब कुछ समझाने की कोशिश के लिए दो दोस्तों के साथ सबसे पीछे था,,, लेकिन गोली मारने का मन बना चुके रवि ने जानबूझकर शोएब पर वार कर दिया,,, और चुपचाप फरार हो गया,,, वहीं शोएब के गोली लगने के बाद उसके दोनों दोस्तों ने भी उसे बचाने की कसर नही छोड़ी,,, पर ऐसा नही हुआ, शोएब की मौत हो गयी,,, जिसकी सूचना मिलते ही मौके पर पहुँची पुलिस ने हर वो जांच की जो कानूनी नियमों के आधार पर होती है,,, पर एसपी पूर्वी राजकुमार अग्रवाल के एक बयान ने यह साफ कर दिया कि कहीं न कहीं विभागीय बेटे द्वारा की गई हत्या किया जाना पक्षपात का उदाहरण दे रहा था,,, जिसमे एसपी का कहना था कि मारपीट भी की गई है इसलिए उनके भी बयान लिए जा रहें है ।
एसपी पूर्वी का यह बयान कहीं न कहीं पक्षपात के बराबर है क्योंकि उनकी कार्रवाई आत्मरक्षा पर चलाई गई गोली से हुई मौत की तरफ इशारा कर रही है,,, अगर भविष्य में ऐसा हुआ तो यह साफ हो जाएगा कि पुलिस विभाग कानून के नियमो पर नही चलता बल्कि वह कानून के नियमो को अपने आधार पर तोड़ मरोड़ लेता है ।
प्रथम दृष्टया से प्रतीत होता है कि गोली आत्म रक्षा के लिये नही आत्म सम्मान के लिए चलाई गई क्योंकि जब दोस्त के बंधक बाप को छुड़ा कर शोएब खान अपने साथ ले जाने लगे तो वो अपने को कमज़ोर समझ कर उन लोगो पर फायर झोंक दिये जिस में एक गोली शोएब खान के सीने में लग गई और उस की मृत्यु हो गई
रवि ने अपनी आत्म रक्षा के लिए गोली चलाई तो क्या वो हवाई फायर नही कर सकता था । शोएब और उस के साथी तो उस के घर से निकल आये थे । वायरल वीडियो में साफ दिख रहा है कि शोएब को गोली लगने के बाद भी रवि ने राइफल फिर लोड की जब शोएब के दोस्तों ने रवि की तरफ ईंटे चलाये और शोएब को गाड़ी से अस्पताल ले गए अगर दूसरा फायर भी हो जाता तो ये घटना और ह्रदयविदारक होती हालांकि पुलिस ने रवि को गिरफ्तार कर लिया और आला कत्ल भी बरामद कर लिया है ।
दुनिया के लिए आप एक इंसान है । परंतु परिवार के लिए आप पुरी दुनिया है मां, और दो बहनों में एकलौते भाई शोएब खान थे । कुछ साल पहले पिता का स्वर्गवास हुआ था । घर को चलाने वाले शोएब ही थे । जहाँ लोगो ने आर्थिक मदद की मांग उठाई वहीं समाचार लिखे जाने तक शहर में जस्टिस शोएब खान और कैंडिल मार्च को दौर शुरू हो चुका था