हर जानदार की मौत का वक्त और जगह मुकर्रर है: मौलाना हाशिम अशरफी

            हफ़ीज़ अहमद खान


 कानपुर ।  हर जानदार की  मौत  का वक्त और जगह मोकर्रर है मौत इस दुनिया की सब से बड़ी सच्चाई है हर व्यक्ति चाहे वो किसी भी धर्म और ख्याल का हो इसे  मानता है कुरान में अल्लाह पाक का फरमान है हर जानदार को मौत का मज़ा चखना है इन्सान हर दिन हर घड़ी अपनी मौत क करीब होता जा रहा है हमें हर वक्त मौत को यद् करना चाहिए मौत की याद लाज्ज़तो को ख़त्म कर देती है हदीस पाक का मफहूम है अगर जानवर इंसानों की तरह अपनी मौत को जान लेते तो कोई जानवर मोटा न होता इन विचारों को मोलाना मोहम्मद हाशिम अशरफी कौमी सदर आल इण्डिया गरीब नवाज़ कोंसिल ने  करनेल गंज के जलसे मिलादुन्नबी में व्यक्त किया उन्होंने कहा हमें हर वक्त मौत को याद करना चाहिए और आने वाली जिंदगी के  लिए नेक काम  ज़रूर करना चाहिए हम दुनिया में ऐसे काम  करे की हमारा चेहरा बता दे की किसी जन्नती का चेहरा है मौलाना इदरीस साहेब ने भी तक़रीर की इस से  पूर्व करी कलीम नूरी ने कुरान की तिलावत से जलसा शुरु किया जलसे की सरपरस्ती मौलाना इंतेखाब कौसर ने किया जमील अक्मली इखलाक अहमद रजवी जीशान वाहिदी ने नात पढ़ीं इस मोके पर खास तोर से मौजूद रहे मोलान अजहर अकमल कानपुरी सूफी मोईनुद्दीन शकील फैजी मोहम्मद शरीफ फैजी जावेद अंसारी शफीक उर्फ़ पोपट गुड्डन जलसा मस्जिद दिलदार खान की कमेटी के तत्वाधान आयोजित हुआ!