सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा या अल्लाह हमारे मुल्क को किसी की नज़र न लगे


कानपुर । पैगम्बर ए इस्लाम, मुख्तार ए कायनात हज़रत मोहम्मद मुस्तफा (स०अ०व०) की यौम ए विलादत पर जुलूस ए मोहम्मदी को यादगार बनाने व जुलूस में शामिल होने वाली तंज़ीमों, नगर की आवाम से गुज़ारिश करने को लेकर जुलूस के निकलने वाले रुटों पर मोहम्मदी काफिला निकाला पर्चे बांटकर लोगो को जागरुक किया व किसी मज़हब की आस्था को ठेस पहुंचाने वाले नारे न लगाने व खासतौर पर अयोध्या विवाद पर सर्वोच्च न्यायालय के आने वाले फैसलें को मानने व भारतीय संविधान पर भरोसा रखनें की अपील की।



मोहम्मदी यूथ ग्रुप के बैनर तले सैकड़ों लोग मोहम्मदी मस्जिद तलाक महल पहुंचे जहां से ग्रुप के अध्यक्ष इखलाक अहमद डेविड की अगुवाई मे मोहम्मदी काफिला निकाला गया ग्रुप के मेम्बर हाथों मे इस्लामिक परचमों को लहराते सरकार की आमद मरहबा, आका की आमद मरहबा के नारे लगाते चल रहे थे व जगह - जगह पर्चे बांटकर जुलूस को यादगार बनाने के लिये जुलूस मे अदबों एहतिराम से शामिल होने, जुलूस का इस्तकबाल करने वाली तंज़ीमो से जुलूस ए मोहम्मदी का इस्तकबाल फूलो की पंखुड़ियों व इत्र से करने, लंगर को हाथ मे ही देने फेंकने से परहेज़ करने, परचम ए इस्लामिक मे लोहे की राड से परहेज़ करने, फिल्मी धुनो की नातों से परहेज़ करने, जशन ए चिरागां के दिन बाइक सवार हेलमेट लगाये व तीन सवारी से परहेज़ करें, कोई भी सियासी नारा या किसी धर्म की आस्था को ठेस पहुंचाने वाले नारे न लगाने, जुलूस मे दरुदों सलाम का नज़राना पेश करते चलने, जुलूस मे शामिल होने वाले नमाज़ का खास एहतिमाम करने, जुलूस मे किसी भी तरह का विरोध प्रदर्शन न करने खासतौर पर अयोध्या विवाद पर सर्वोच्च न्यायालय के आने वाले फैसलें को मानने व भारतीय संविधान पर भरोसा रखनें, अमन भाईचारा बनाए रखें, अयोध्या फैसले पर सोशल मीडिया पर किसी भी तरह का कोई कमेंट वीडियो फोटो अपलोड व शेयर न करें, अयोध्या फैसले पर न खुशी न गम का इज़हार करने की अपील की। जिला प्रशासन का पूरा सहयोग करने व मोहब्बत इंसानियत व अमन का पैगाम देने वाले हमारे आका हज़रत मोहम्मद मुस्तफा (स०अ०व०) के बताये हुए रास्ते पर चलने की दरख्वास्त व ज़्यादा से ज़्यादा तादात मे जुलूस मे शामिल होने की गुज़रिश आवाम से की जा रही थी। ग्रुप के अध्यक्ष इखलाक अहमद डेविड ने बताया कि देश मे विभाजन के समय कानपुर नगर मे जब सांम्प्रदायिकता चारों तरफ फैली थी तब भी इस जुलूस ए मोहम्मदी ने कानपुर नगर में शांति व्यवस्था और भाईचारे का माहौल कायम रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, आज कानपुर से अमन का ऐसे ही पैगाम देने की ज़रुरत है। सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा या अल्लाह हमारे मुल्क को किसी की नज़र न लगें।


मोहम्मदी काफिला मे इखलाक अहमद डेविड मोहम्मद रफीक, रिज़वान हामिद, इस्लाम खाँ आज़ाद मोहम्मद युसुफ, हाजी शफीक आलम, शफाआत हुसैन, ताबिश इकबाल, नूर आलम, शमीम आलम, सैय्यद अरशद, महबूब आलम खान, कौसर अंसारी, मोहम्मद शहनवाज़, इरफान अशरफी, इनायत अंसारी, फाजिल चिश्ती, मोहम्मद मेराज, अब्दुल वसीक, मोहम्मद शारिब, तौफीक रेनू, मोहम्मद जीशान, मोहम्मद साबिर, माबूद खान, हाफिज़ मोहम्मद मुशीर, हाफिज़ मोहम्मद हसीब, तनवीर रज़ा, मोहम्मद नाज़िम, नदीम सोलंकी आदि लोग मौजूद थे।