संचालक बदलेंगे या फिर होटलो के नाम-नही बदलेगा तो अय्याशी वाला काम

मोo नदीम सिद्दीकी.......


कानपुर/घण्टाघर व सुतरखाना के आसपास बने होटल विवादो के कारण हमेशा चर्चा में रहे है कारण यात्रियों व पर्यटकों को नकार संचालको का अलग ही दिशा में कदम रख देना है अधिकांश होटल अश्लीलता के कारोबार में तब्दील होकर रह गए है युगल जोड़ो के अलावा किसी अन्य को रूम मिलना नामुमकिन हो गया है खासकर दिन के उजालो में अय्याशी का कारोबार खूब फल फूल रहा है सूत्र बताते है वेश्यावर्त्ति में लिप्त कुछ महिलाए भी ऐसे होटलो को देह व्यापार का अड्डा बनाए हुए है रिक्शा व ऑटो चालकों की सेटिंग से यात्रियों पर्यटकों को अश्लीलता परोसी जाती है इसके बदले में उन लोगो को मोटा कमीशन मिलता है सूत्रो की कही को अगर सच माने तो अय्याशी के इस खेल में नाबालिक युवक युवतियां भी शामिल हो चुकी है स्कूलों से गुलटा मार युवतियां कई होटलो की शोभा बढ़ा रही है आसानी से होटलो में कमरे मिल जाने की वजह से हजारो स्टूडेंट अय्याशी की दुनिया में कदम बढ़ा रहे है होटलो से होती मोटी कमाई को देखकर हर कोई इसी धंधे में दो दो हाथ करने के लिए जोर आजमाइश कर रहा है इसी कारण प्रत्येक वर्ष होटलो में व्रद्धि हो रही है रेंट में उठे होटल भी मनमाने दामो से उठाए जा रहे है उसके बाद भी संचालक बिना किसी संकोच के बढ़े हुए रेंट को खुशी खुशी चुका रहे है कारण है होटलो से होने वाली मोटी कमाई जो संचालको को फला फुला रही है 


 सूत्रों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार होटलो में होती अय्याशी में एक धंधा और जुड़ गया है जिसे लोग स्पॉ के नाम से जानते है जिसमे पार्लर सुविधाओ के साथ बॉडी मसाज भी किया जाता है जिसमे चोरी छिपे युवतियां पुरुषों को मसाज करती है पुरुषों के उत्तेजित होने पर तय तोड़ का असल खेल शुरू होता है मदहोश हुए पुरुषों से मनमाने पैसे वसूले जाते है इस काम के लिए कई कमरों की जरूरत होती है और ऐसे कर्मचारियों की जो विश्वसनीय ग्राहकों को बिना किसी अड़चन के स्पॉ तक पहुचाए इस काम के लिए होटल संचालक को लाखों रुo दिए जाते है इसी खेल में पड़कर देश के एक नामी व्यक्ति को जेल की सलाखों के पीछे भी जाना पड़ा है


होटलो की बढ़ती आबादी से सुतरखाना की जनता भी त्रस्त है कई बार लोगो ने होटलो में होती अय्याशी की शिकायत क्षेत्रीय पुलिस से की परन्तु पुलिस ने उल्टा जनता को ही डण्डा दिखा दिया जिससे भयभीत होकर लोगो ने चुप्पी साधने में ही भलाई समझी वही कुछ सामाजिक सभ्य लोगो ने बिना डरे जमकर विरोध भी किया जिसका असर सोशल मीडिया पर गुस्से के रूप मे देखने को मिल रहा है हाल ही वर्ष में  एक होटल व्यावसायिक की बागी हुई बहु ने होटल में होती अय्याशी से तंग आकर अपने ससुर की बीच चौराहे में जमकर पिटाई कर दी यही नही मौक़े पर पहुची पुलिस को भी जमकर लताड़ा था उसके बाद भी ना पुलिस जागी और ना ही होटल में होती अय्याशी पर कोई फर्क पड़ा


इलाकाई लोगो के अनुसार होटलो में अय्याशी के अलावा भी कई काम किए जाते है बुके जुआ सट्टा भी कुछ होटलो से संचालित किए जाते रहे है सट्टे के खेल में लाखों इधर से उधर कर दिए जाते है जिसकी भनक भी किसी को नही लग पाती है जब तक लगती है तब तक वो लाखो के वारे न्यारे कर चुका होता है पकड़े जाने पर उन्ही पैसों के बल पर सेटिंग करके बाहर आकर फिर वही खेल चालू कर देता है हाल ही वर्ष में छापामारी के दौरान बी डी पैलेस नामक होटल में सट्टा पकड़ा गया था जिसमे होटल संचालक पप्पू पेठा को जेल की हवा खानी भी पड़ी थी छूटने के बाद पप्पू पेठा ने होटल बी डी पैलेस का नाम बदल कर सनराइज गैलेक्सी रख फिर से वही ताम झाम के साथ संचालन करना शुरू कर दिया


होटल व्यवसाय को अलग दिशा में ले जा रहे संचालको पर कोई कार्यवाही ना होना इस बात को दर्शाता है उनका चढ़ावा इतना तगड़ा है जिसके वजन के आगे सब हल्के पड़ते दिख रहे है शायद यही वजह है कि जुआ सट्टा अय्याशी बलात्कार की घटनाओं में लिप्त पाए जाने के बाद भी अभी तक किसी होटल पर कोई सन्तोष जनक कार्यवाही नही की गई है दबाव पड़ने पर होता सिर्फ इतना है


 संचालक बदलेंगे या फिर होटलो के नाम नही बदलेगा तो अय्याशी वाला काम