शाह मोहम्मद
कानपुर 05, दिसम्बर वहशी हरकतों की घटनाओं से देश मे उबाल है दुष्कर्म के गुनाहगारों को मौत की सज़ा देने, घटनाओं पर लगाम न लगाने वाली राज्य सरकारों को बर्खास्त करने की मांग को लेकर मोहम्मदी यूथ ग्रुप व ग्रुप की अधिवक्ताओं की टीम ने जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर अपना गुस्सा जताया उसके बाद जिलाधिकारी विजय विश्वास पंत से एक प्रतिनिधि मंडल मिला व प्रधानमंत्री/गृहमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन प्रेषित किया।
मोहम्मदी यूथ ग्रुप के पदाधिकारी व ग्रुप की अधिवक्ताओं की टीम में रेप के गुनाहगारों व सरकारों की लापरवाही के खिलाफ गुस्सा था उन्होंने जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर अपना गुस्सा जताया वो हाथों मे तख्तियां लिए थे जिसमें हैदराबाद के वहशियों को फाँसी दो, वहशियों की एक सज़ा फाँसी, निर्भया से लेकर प्रियंका तक सभी को इंसाफ दो, संसद के शीतकालीन सत्र में फाँसी का कानून बनाओं, पीड़ितों को इंसाफ पीड़ित परिवारों की मदद करें, ऐसा तो न था हमारा देश, पुलिस की जवाबदेही तय हो, रेप पर लगाम न लगाने वाले राज्यों की सरकार को बर्खास्त करों, फाँसी का कानून कब ?, अब बस!, लिखा था उनमे गुस्सा था वो ज़ोरदार नारेबाजी भी कर रहे थे।
प्रदर्शन के बाद ग्रुप के अध्यक्ष इखलाक अहमद डेविड व ग्रुप की अधिवक्ताओं की टीम का एक प्रतिनिधि मंडल जिलाधिकारी से मिला व उनको अवगत कराया कि हमारे मुल्क को क्या हो गया है जिस मुल्क से इंसानियत तहज़ीब की मिसाले पूरी दुनियां के मुल्कों मे दी जाती हो वो मुल्क अब वहशियाना हरकतों के लिए मशहूर हो रहा है। वहशी हरकत करने वालो को फाँसी की सज़ा का कानून बनाने ऐसी घटनाओं पर राज्य सरकारों का नरम रुख से हालात और खराब हो रहे है घटनाओं पर लगाम न लगाने वाली राज्य सरकारों को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए। हैदराबाद मे महिला डाक्टर के साथ गैंगरेप करने के बाद ज़िंदा जला देने की घटना से देश की बेटियों की रुह कांप गयी पूरे देश मे इस ह्रदय को झंकझोर देने वाली मानवता को शर्मसार करने वाली घटना के खिलाफ गम व गुस्सा है।
मासूम व नाबालिग बच्चियों के साथ रेप पर फाँसी की सज़ा का कानून बनने के 1 साल से भी ज़्यादा समय गुज़र जाने के बाद भी उसका लागू न होना सरकार की नाकामी ही बयां करती है। 2012 मे हुए निर्भया कांड के बाद महिलाओं की सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार ने विशेष फंड की घोषणा की थी लेकिन अभी तक निर्भया फंड का 20 फीसदी ही इस्तेमाल हुआ। 2018 तक केंद्र ने जारी किये 854.66 करोड़ रुपया राज्यों ने सिर्फ 164.48 करोड़ का इस्तेमाल हुआ। फंड के इस्तेमाल से पीड़ितों परिवारों की मदद की जा सकती थी पीड़िता का इलाज ठीक से हो सकता था।
प्रतिनिधि मंडल ने कहा कुछ बिंदुओं पर सरकार कदम उठाये जिससे वहशियों पर लगाम लग सकती है। 1. पुलिस के संसाधनों की कमी को दूर किया जाए 2. रेप केसों को फास्ट ट्रैक कोर्ट देश के प्रत्येक जिले मे होना अति आवश्यक हो जिससे वहशियों को जल्द से जल्द सज़ा मिले। 3. पुलिस की जवाबदेही तय हो 4. बेटियों को आत्मरक्षा के लिए विशेष ट्रेनिंग सेंटर खुले।
निर्भया से लेकर प्रियंका को न्याय जल्द मिले जितने भी रेप के गुनाहगार है उन्हे तुरन्त फाँसी दी जाए। अगर ऐसे ही हालात रहे तो देश की कानून व्यवस्था कभी भी खराब हो सकती है।
प्रतिनिधि मंडल ने इसी से सम्बन्धित प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह को सम्बोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा जिलाधिकारी महोदय ने पूरी बातों को ध्यानपूर्वक सुना व ज्ञापन को आज ही प्रधानमंत्री व गृहमंत्री कार्यालय भेजने का भरोसा दिया। ग्रुप व ग्रुप की अधिवक्ताओं की टीम ने जिलाधिकारी का शुक्रिया अदा किया।
प्रतिनिधि मंडल व ज्ञापन मे इखलाक अहमद डेविड, रवींद्र शर्मा एडवोकेट, हाफिज़ मोहम्मद कफील, योगेश शर्मा एडवोकेट, इस्लाम खाँ आज़ाद, नूर आलम एडवोकेट, मोहम्मद मुबश्शीर एडवोकेट, महबूब आलम खान, शेरज़मा अंसारी एडवोकेट, आकाश कुमार द्विवेदी एडवोकेट, इस्लाम खान चिश्ती, रिज़वान अहमद एडवोकेट, लैयबा सिद्दीकी एडवोकेट, शफाअत हुसैन, ज़फर सुबहानी एडवोकेट, शबनम आदिल एडवोकेट, मोहम्मद मुबीन एडवोकेट, प्रदीप बाल्मीकि एडवोकेट, मोहम्मद इमरान खान एडवोकेट, अक्षय सिंह एडवोकेट, रितेंद्र शर्मा एडवोकेट, मोहम्मद फय्याज़ एडवोकेट, रफत जमाल एडवोकेट, उमा देवी एडवोकेट, कौसर अंसारी, राजेश सोनकर, अब्दुल बारी, मोहम्मद कासिफ, मोहम्मद इमरान आदि लोग मौजूद थे।