दविंदर सिंह मामले में सरकार से मांगा जवाब


हफ़ीज़ अहमद खान



कानपुर । समाजवादी पार्टी व उत्तर प्रदेश प्रान्तीय व्यापार मण्डल से जुड़े व्यापारियों द्वारा जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों की मदद करते हुए पकड़े गए पुलिस अधिकारी दविंदर सिंह को देशद्रोही व आतंकवादी बताते हुए उसका पुतला दहन किया गया और उसपर देशद्रोह समेत सख्त मुकदमे लगाने की मांग के साथ सजाए मौत देने की मांग भी की गई।भारत माता की जय और देशद्रोही को फांसी दो के नारों के साथ सभी धर्म समुदाय के व्यापारी व दुकानदार पुतला दहन में शामिल हुए। 11 जनवरी 2020 को जम्मू और कश्मीर पुलिस में डीएसपी  देविंदर सिंह को 2 आतंकी और एक वकील के साथ गाड़ी में साथ जाते वक्त गिरफ्तार किया गया था। बताया गया कि 12 लाख की रिश्वत लेकर दविंदर सिंह इन आतंकवादियों की मदद कर रहा था।डीएसपी
देविंदर का नाम 2001 के संसद हमले के लिए जांच के दौरान भी सामने आया था। दोषी अफजल गुरु ने ‘कैरवान’ के संपादक विनोद जोश के साथ जेल में हुई बातचीत मे देविंदर सिंह का ज़िक्र किया था।नेतृत्व कर रहे सपा के निवर्तमान प्रदेश उपाध्यक्ष व्यापार सभा व उत्तर प्रदेश प्रान्तीय व्यापार मण्डल के प्रदेश अध्यक्ष अभिमन्यु गुप्ता ने कहा की देश का व्यापारी अपने राष्ट्र के सशक्त निर्माण के लिए टैक्स देता है।जब दविंदर सिंह जैसे पुलिस अधिकारी ही भ्रष्टाचार में लिप्त होकर आतंकवादियों की मदद करते हैं तो देश के 132 करोड़ लोगों के साथ,देश के शहीदों के साथ,व्यापारी,किसान,नौजवानों के साथ सबसे बड़ा धोखा है।अभी तक आतंकवादी दविंदर सिंह पर गैरकानूनी गतिविधि निरोधक कानून (यूएपीए) और आर्म्स एक्ट के तहत ही मुकंदमा दर्ज हुआ है जबकि देश द्रोह का मुकदमा तो पहले दर्ज होना चाहिए था।मोदी सरकार छात्रों पर सीएए के विरुद्ध  शांतिपूर्ण प्रदर्शन मात्र पर देशद्रोह का मुकदमा लगा देती है या यूपी में गोली मार देती है पर आतंकी की मदद करने और आतंकी हमले की साजिश करने वाले  देश से गद्दारी करने वाले पे जांच की बात करके आगे कार्यवाही करने की बात क्यों करती है मोदी सरकार।अभी तक दविंदर सिंह पर देश द्रोह का मुकदमा क्यों नहीं लगा रही मोदी सरकार?क्यों मोदी सरकार उसको बचा रही है।अभिमन्यु गुप्ता ने कहा कि ऐसे समय में जब हमें यह बताया गया है कि नोटबन्दी और फिर अनुच्छेद 370 का हटना आतंकवाद के ख़िलाफ़ लड़ाई में सबसे निर्णायक क़दम था, तब आतंकवादियों के साथ वरिष्ठ पुलिस अधिकारी का पकड़ा जाना तो सरकार की विफल खुफिया सूचना तंत्र व तैयारी को दिखाता है।और ये भी मोदी सरकार को अब तक समझ जाना चाहिये कि देशभक्त कोई भी हो सकता है।सीएए के तहत  एक समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है जबकि पकड़ा गया आतंकवादी का मददगार तो उस समुदाय का नहीं है।अभिमन्यु गुप्ता, अभिलाष द्विवेदी,मुकेश कनौजिया, शब्बीर अंसारी,पारस गुप्ता,हरिओम शर्मा,गौरव बकसारिया,मनोज चौरसिया,शेषनाथ यादव, अमित तिवारी, करण साहनी आदि रहे।