दिव्यांग जनों को पदोन्नति में भी मिलेगा आरक्षण



कानपुर । प्रेस क्लब में आयोजित एक प्रेस वार्ता में राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ के महासचिव संतोष कुमार रुंगटा ने बताया की उच्चतम न्यायालय ने अपने 14,15 जनवरी 2020 के निर्णय में अपने पूर्व के निर्णय को सही ठहराते हुए यह प्रतिपादित किया कि दिव्यांग जन के लिए निशक्तजन समान अवसर अधिकार संरक्षण व पूर्ण भागीदारी अधिनियम 1995 की धारा 33 में दिए गए 3% आरक्षण का लाभ उन रिक्तियों में भी मिलेगा जो पदोन्नति के माध्यम से भरी जाती हैं उच्चतम न्यायालय ने इस ऐतिहासिक निर्णय में यह व्यवस्था दी कि संविधान के अनुच्छेद 16 (4) के अंतर्गत अनुसूचित जाति जनजाति व अन्य पिछड़े वर्गों के लिए की गई आरक्षण की व्यवस्था के संबंध में उच्चतम न्यायालय के इंदिरा साहनी के मामले में दिए गए उस निर्णय को दिव्यांगों के आरक्षण पर लागू नहीं किया जा सकता जिसके माध्यम से उक्त वर्गों के लिए पदोन्नति में आरक्षण को असंवैधानिक घोषित किया गया है रूंगटा ने पूर्व वती निर्णयों को विस्तार से बताते हुए कहा कि दिव्यांगजन को पदोन्नति से भरी जाने वाली रिक्तियों में भी आरक्षण उपलब्ध है उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री से मांग करते हैं कि उच्चतम न्यायालय के इस ऐतिहासिक निर्णय को लागू करने हेतु आवश्यक दिशा निर्देश संबंधित अधिकारियों को देते हुए यह भी आदेश दें कि माननीय उच्चतम न्यायालय के 2013 के निर्णय के अनुपालन में पदोन्नत से भरी जाने वाली सभी रिक्तियों के विरुद्ध आरक्षण का बैकलॉग एवं समय बाद कार्यक्रम के अंतर्गत 1996 से प्रदान किया जाए और पदोन्नति में आरक्षण का लाभ दिव्यांगों को भविष्य की नियुक्तियों में भी दिया जाए उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की कि पदोन्नति आरक्षण से संबंधित वर्तमान शासनादेश को उच्चतम न्यायालय के उक्त निर्णय के अनुपालन में यथोचित संशोधन कर यह सुनिश्चित किया जाए कि पदोन्नति से भरी जाने वाली सभी रिक्तियों में 4% आरक्षण का समुचित अनुपालन किया जाए प्रेस वार्ता में प्रमुख रूप से महेंद्र सिंह चंद्रपाल मौर्य सुधांशु मंडल राजेंद्र सिंह चौहान शिव कुमार सिंह श्याम प्रकाश सिंह देवेंद्र त्रिपाठी दयाशंकर दीक्षित आदि लोग उपस्थित रहे ।