जमीयत उलमा ने भी सीएए/एनआरसी के खिलाफ हस्ताक्षर मुहिम से जुड़कर विरोध दर्ज किया


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कानपुर । सीएए/एनआरसी के विरोध में मोहम्मदी यूथ ग्रुप के हस्ताक्षर अभियान के सत्तरवें चरण मे जमीयत उलमा ने राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी व संविधान के रचनाकार अम्बेडकर के भारतीय संविधान को बचाने के लिए महामहिम राष्ट्रपति जी को हस्ताक्षरों के द्वारा इस कानून सीएए को वापस करने एनआरसी लागू न करने को लेकर मोहम्मदी यूथ ग्रुप के हस्ताक्षर अभियान मुहिम से जुड़कर अपना विरोध दर्ज कराया।
मोहम्मदी यूथ ग्रुप के पदाधिकारी रजबी रोड पहुंचे जहां जमीयत उलेमा उ०प्र० के अध्यक्ष एवं काज़ी ए शहर मौलाना मतीन उल हक़ उसामा कासमी से हस्ताक्षर अभियान के बारे मे बताया जिस पर उन्होंने हस्ताक्षर अभियान से जुड़कर अपने हस्ताक्षर कर सीएए को वापस करने और एनसीआर को लागू न करने का महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जी से अनुरोध किया। हस्ताक्षर अभियान में 2074 लोगो ने हस्ताक्षर कर अपना विरोध दर्ज किया।



जमीयत उलमा के पदाधिकारियों में सीएए के खिलाफ गुस्सा भी था ग्रुप के अध्यक्ष इखलाक अहमद डेविड ने कहा कि सीएए के विरोध की आग भारत के साथ-साथ अब पूरी दुनिया में फैल गयी है देश के कई राज्यों की सरकारों ने सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पास किये अब यूरोपीय यूनियन संसद के 751 सासंदो मे से 626 सांसद ने सीएए को लेकर प्रस्ताव लायी है जिसमे वहां बुधवार को बहस व मतदान होगा यह हमारे लिए शर्म की बात है कि ज़ुल्म के खिलाफ देश के सभी मज़हबों के लोगो ने अंग्रेजों से आज़ादी के लिए कुर्बानी दी थी आज वही अंग्रेज हमारे देश के संविधान को बचाने के लिए प्रस्ताव पारित कर रहे है और हमारी सरकार अपनी ज़िद्द के आगे कुछ सुनने को तैयार नही। अब भी वक्त है केंद्र सरकार सीएए कानून को वापस ले व एनआरसी को लागू करने की जिद्द छोड़े। जिससे देश मे फिर खुशगवार माहौल कायम हो और दुनियाभर मे हमारा देश जो लोकतंत्र की रक्षा, अमन भाईचारे की सीख देने वाले देश की छवि मज़हब के नाम पर देश बांटने वाले काले कानून सीएए से हो रहे नुकसान से बचा जा सके।


हस्ताक्षर अभियान में मुख्य रुप से काजी ए शहर मौलाना मोहम्मद मतीन उल हक़ ओसाम, इखलाक अहमद डेविड, डा० हलीम उल्लाह खाँ, जुबैर अहमद फारुकी, शारिक नवाब, हाफिज़ मोहम्मद कफील हुसैन, फाज़िल खान चिश्ती, मोहम्मद साबिर, शफाअत हुसैन, कौसर अंसारी, हाजी मोहम्मद शफीक, इज़हारुल अंसारी ज़फर अली लखनवी, माबूद खान, मोहम्मद निहाल आदि लोग मौजूद थे।