मेडिकल कॉलेज की छात्रा आत्महत्या मामला,परिजनों ने कॉलेज प्रशासन के खिलाफ दी तहरीर


कानपुर । शहर के जीएसवीएम कॉलेज की मेडिकल छात्रा के आत्म हत्या की घटना में नया मोड़ आ गया है । मृतक छात्रा के परिजनों ने मेडिकल कालेज प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए है । परिजनों का आरोप है कि दलित होने की वजह से छात्रा का उत्पीड़न होता था।मृतका के परिजनों ने मेडीकल कॉलेज प्रिंसिपल समेत तीन लोगों के खिलाफ स्वरूप नगर थाने व एसएसपी कार्यालय में प्रार्थना पत्र दिया है । आपको बता दें कि गत दिनों में जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस अंतिम वर्ष की छात्रा अमृता सिंह ने गंगा बैराज से छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली थी । उसके बाद मृतका की लाश दूसरे दिन उन्नाव गंगा घाट से बरामद हुई थी । जिसके बाद 4 पेज का सुसाइड नोट भी बरामद हुआ था । मृतका के परिजनों का आरोप है कि मेडिकल कालेज की प्रिंसिपल, एचओडी डॉ ऋचा गिरी, डॉ यशवंत राय और डॉ किरण पांडेय मिलकर उनकी बेटी का लगातार उत्पीड़न कर रहे थे ।जिसके चलते परेशान होकर उनकी बेटी ने गंगा में कूदकर अपनी जान दे दी । मृतका के पिता का कहना है बेटी ने उत्पीड़न के बारे में उनसे शिकायत की थी । छात्रा का भविष्य देखते हुए उन्होंने कोई कार्यवाही नहीं की थी । कालेज प्रशासन ने इतना प्रताड़ित किया कि तंग आकर उसने अपनी जान दे दी । उन्होंने कहा कि संस्थान में एससी-एसटी छात्रों का उत्पीड़न किया जाता है । मृतिक के चाचा का कहना था कि मेरी भतीजी पढ़ने में तेज थी उस ने सारे सेमेस्टर फर्स्ट डिवीज़न से पास किया था । पढ़ाई में कमज़ोर की बात झूटी हैं वही उन्होंने सुसाइड नोट पर भी सवाल खड़े किए उन्होंने ने कहा इतना लंबा चौडा 4 पन्नो का जो सुसाइड लिखे गा तो उस का सुसाइड का इरादा भी नही बचेगा । इस सम्बंध में पुलिस के अधिकारी मामले की जांच कराकर कार्यवाही की बात कह रहे हैं ।