प्रीति शर्मा ने चीन में मिसेज यूनिवर्स करिज्मा का ताज जीतकर भारत का नाम रौशन किया


कानपुर । कहते है कि प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती है, समर्पण और लगन से किसी भी मंजिल को पाया जा सकता है । इस बात को सही साबित किया है कानपुर की प्रीती शर्मा ने उन्होंने चीन के ग्वांग्झू में आयोजित मिसेज यूनिवर्स करिज्मा का ताज जीतकर भारत का नाम रौशन कर एक मिसाल पेश की है ।


पेशे से स्टेट बैंक में कार्यरत कानपुर की रहने वाली प्रीती शर्मा के हौसले शादी के बाद भी काफी बुलंद है जिस का उदाहरण उन की जीत है ।कानपुर तुलसी नगर श्याम नगर की निवासी प्रीति के पिता हरीश कृष्ण शर्मा जीवित हैं मां कुसुम शर्मा होम मीटर है । हसमुख खुशमिजाज रहने वाली प्रीती शर्मा के अंदर देश के लिए कुछ करने का जज्बा था | उन्होंने अपने उस जज्बे को बरकार रखते हुए चीन के ग्वांग्झू में आयोजित मिसेज यूनिवर्स में प्रतिभागिता करी | इस प्रतियोगिता में दुनिया भर की 90 महिलाओ ने भाग लिया था जिसमे अमेरिका,थाईलैंड,अफ्रिका,चाइना,जापान सहित कई देशो की महिलाये शामिल थी | मिसेज यूनिवर्स प्रतियोगिता में 10 दिनों तक विभिन्न राउंड और टास्क हुए |जिसमें प्रतियोगियों को आका गया प्रीति ने अपनी शानदार छवि छोड़ते हुए मिसेज यूनिवर्स करिज्मा का ताज अपने नाम किया अपनी एक तस्वीर उन्हें घरेलू हिंसा पर आधारित एक वीडियो भी प्रस्तुत की जिसमें भाई गौरव शर्मा ने एक्टिंग की है टैलेंट राउंड में उन्होंने देशभक्ति गीत पर डांस परफॉर्म किया जिसमें उन्होंने खूब तालियां बटोरी प्रतियोगिता के अंतिम दिन अपने नेशनल कॉस्टयूम राउंड में प्रीति ने गो ग्रीन को प्रस्तुत किया
 प्रीती ने हर टास्क में अपनी मेहनत,लगन और बुद्धि विवेक से मिसेज यूनिवर्स करिज्मा का ताज अपने नाम कर लिया  |  प्रीती अकेली भारतीय महिला है जिनको इस सम्मान से नवाजा गया है |   चीन से लौटने के बाद प्रीती ने कानपुर में प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन कर अपनी यात्रा व वंहा के कल्चर के बारे में बताया | उन्होंने कहा कि चीन में हर खाने की चीजों में नॉनवेज का इस्तेमाल किया जाता है,लेकिन प्रीती शाकाहारी थी इसलिए उनको फल फ्रूट खाकर अपने दिन गुजारने पड़े |