3 दिन की नवजात बालिका को मरने के लिए निर्दयी मां ने छोड़ा

  • रोज़ डे कें दिन गुलाब सी बच्ची को माँ ने छोड़ा बेसहारा

  • रेलवे चाइल्ड लाइन ने हैलेट के एन आईसीयू में कराया भर्ती



 शावेज़ आलम



कानपुर 7 फरवरी नवजात बच्चों को त्यागने और भ्रूण हत्या का सिलसिला नहीं थम रहा और फिर एक निर्दई मां ने अपने  ही कलेजे के टुकड़े को नवजात बालिका को कानपुर सेंट्रल पर प्लेटफार्म नंबर एक स्टेशन पर मरने के लिए लावारिस छोड़ दिया जिसकी सूचना त्वरित रूप से जीआरपी कानपुर सेंट्रल को दी गई सूचना पाकर त्वरित रूप से रेलवे चाइल्ड लाइन काउंसलर मंजू लता दुबे कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर प्लेटफार्म नंबर एक पर पहुंची और बालिका की जीडी इंट्री करा कर बालिका को अपनी सुपुर्दगी में लिया इसके पश्चात लेकर हैलट अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां बच्ची का इलाज डॉक्टर वाई के राय की देखरेख में चल रहा है 



नगर में नवजात बच्चों को त्यागने की कई घटनाएं प्रकाश में आ चुकी है और चाइल्ड लाइन द्वारा अपील भी की गई कि नवजात के हत्यारे ना बने उसे चाइल्डलाइन को सौंप दें  जिससे उसका जीवन तो सुरक्षित है और यदि आपके आसपास ऐसी गतिविधि हो रही हो तो इसकी जानकारी दें सूचना करता का नाम और पता गुप्त रखा जाएगा 


सूचना पाकर गोद लेने के इच्छुक दर्जनों लोग कार्यालय आए वह चाइल्डलाइन 1098 पर 50 से अधिक कॉल आई आई जिनकी चाइल्ड लाइन द्वारा काउंसलिंग कर कानूनी प्रक्रिया अपनाकर नवजात को गोद लेने की सलाह दी गई रेलवे चाइल्ड लाइन के समन्वयक गौरव सचान ने बताया कि नवजात बालिका का नाम चाइल्ड लाइन द्वारा करिश्मा रखा गया है जिसको उसकी मां वह किसी अन्य के द्वारा लोक लाज के  चलते त्याग कर दिया गया हैजिसके साथ ही बालिका को हैलट अस्पताल में एसएनसीयू में चल रहा है साथ ही उन्हें बताया कि बालिका कि उसकी मां या किसी अन्य द्वारा प्लेटफार्म पर मरने के लिए त्याग दिया और शुक्र है बालिका किसी गलत हाथों में नहीं पड़ी जिससे वह मरने बज गई साथ ही बताया कि किशोर न्याय अधिनियम 2015 के अंतर्गत बालक को दत्तक ग्रहण के देने का अधिकार जिला जज अथवा मान्यता प्राप्त दत्तक ग्रहण इकाई को है जिसके साथ ही परित्याग बालक बालिका को गैरकानूनी ढंग से रखना किशोर न्याय अधिनियम 2015 की धारा 32 के अनुसार किशोर न्याय अधिनियम का उल्लंघन एवं बालक के अधिकारों का हनन माना जाता है और इससे में गैरकानूनी गोददेने वाले ने वाले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है जबकि चाइल्डलाइन के संज्ञान में बालक को त्यागने को मामला प्रकाश में आता है तो परिजनों की जानकारी होने पर उनके खिलाफ सख्त सख्त कार्रवाई कराई जाएगी ।