कानपुर । भारतीय दलित पैंथर के नेतृत्व में धनीराम पैंथर की अध्यक्षता में जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति प्रधानमंत्री राजपाल मुख्यमंत्री को संभोदित ज्ञापन दिया गया ज्ञापन में 5 सूत्री मांगे थी। जानकारी देते हुए धनीराम पैंथर ने बताया कि भारत गणराज्य एक लोकतांत्रिक देश है जिसमें सभी व्यक्तियों मैं भाषा खानपान और रहन-सहन की विभिन्नताओं के बाद भी एकता के सूत्र में बंध कर रहते हैं इस देश की एकता का मूल कारण इस देश का संविधान है 7 फरवरी को सर्वोच्च न्यायालय ने उत्तराखंड के हाई कोर्ट के आदेश को पढ़ाते हुए साहब कहां की प्रमोशन में आरक्षण मौलिक अधिकार नहीं है और राज्य को इसके लिए बाद दिन नहीं किया जा सकता इस फैसले मैं अप्रत्यक्ष रूप से सहमति सरकार की है देश की सत्ता पक्ष पार्टी भाजपा के सहयोगी संगठन आर एस एस की सोच संविधान को बदलने हुआ आरक्षण को समाप्त करने की है जिसका जिक्र उनके नेता अपने भाषण में कई बार कर चुके हैं। जिला अधिकारी ने आश्वासन दिया कि आप का ज्ञापन सरकार तक पहुंचा दिया जाएगा मुख्य रूप से उपस्थित धनीराम पैंथर, प्रदीप यादव, शाकिर अली उस्मानी, राजेंद्र कुरील, विजय सागर आदि लोग मौजूद रहे।
5 सूत्री मांगो को लेकर दलित पैंथर ने दिया ज्ञापन