कानपुर । सुल्तान ए हिंद हज़रत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती गरीब नवाज़ रह० अलै० के सालाना 808 वां उर्स मुबारक की शुरुआत खानकाहे हुसैनी 96/39, कर्नलगंज, कानपुर में हज़रत ख्वाजा सैय्यद दाता हसन सालार शाह की दरगाह पर मुल्क सूबे व शहर मे अमनो अमान कायम रहने की दुआ के साथ परचम कुशाई की रस्म अदा की गयी।
सुबह 11.30 बजे हिंद वली इंसानियत मोहब्बत हिंदू मुसलमान की एकता का पैगाम देने वाले हज़रत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती गरीब नवाज़ रह० अलै० के सालाना 808 वां उर्स मुबारक खानकाहे हुसैनी मे परचम कुशाई की शुरुआत हाफिज़ गुलाम वारिस ने तिलावते कुरान ए पाक से की, अदबो एहतिमाम, अकीदत जोश के साथ परचम मे केवड़ा, इत्र, गुलाब के हार पेशकश परचम को उठाया गया। परचम के लहराते ही अकीदतमंदों के हुज़ूम ने ख्वाजा का हिंदुस्तान जिंदाबाद, हिंदुस्तान जिंदाबाद के लगाए नारो से पूरा इलाका गूँज गया या मोईन हक़ मोईन परचम कुशाई के दौरान अकीदतमंद पढ़ रहे थे। गरीब नवाज़ की शान मे कहा गया "रेगिस्तान के तूफान रुका नही करते समुद्र मे पानी सुखा नही करते गरीब नवाज़ के करम से हिंदुस्तान के सर कभी झुका नही करते", "हुक्म मुस्तफा का असर काम आ गया हिंद मे वली के नूर का पैगाम आ गया", "जहां माँगने से मिले उसे संसार कहते है जहाँ बिन मांगे मिले उसे मेरे ख्वाजा का दरबार कहते है।"
परचम कुशाई के बाद सलात ओ सलाम पेश किया गया और दुआ मे हाफिज़ मोहम्मद माज़ सलामी ने अल्लाह से अपने हबीब के सदके मे गरीब नवाज़ के उर्स मुबारक के मौके पर मुसलमानों को नमाज़ी बना दे, मुसलमानों की हिफाज़त फरमाने की दुआ की मोहम्मदी यूथ गुप के अध्यक्ष इखलाक अहमद डेविड ने अल्लाह से हुज़ूर सरकार मोहम्मद मुस्तफा (स०अ०व०), मौला अली हसन हुसैन के सदके मे गरीब नवाज़ के उर्स की बरकत से हम सब को सच्चे रास्तें पर चलाने वाला बना दे, हमारे मुल्क सूबे व शहर मे अमन व अमान कायम कर मुल्क में खुशहाली तरक्की दे, हमारे मुल्क को कुदरत के कहर से बचा दुआ मे मौजूद तमाम लोगो ने आमीन आमीन आमीन कहा।
परचम कुशाई मे इखलाक अहमद डेविड, मुरसलीन खाँ भोलू, हाफिज़ मोहम्मद कफील हुसैन, हाफिज़ मुशीर अहमद, अमान चिशती, फाज़िल चिश्ती, इस्लाम चिश्ती, एजाज़ अहमद, बब्लू खान, मोहम्मद वसीम, मोहम्मद अकील, शम्श परवेज़, मोहम्मद इदरीस, मोहम्मद मुशारिब, शमशुद्दीन खान, अफज़ाल अहमद, आरिफ खान, तहसीन अंसारी, मोहम्मद जावेद, शारिक वारसी, मोहम्मद तौफीक, हाफिज़ मोहम्मद शकील, अज़हर आलम, मोहम्मद हफीज़, मोहम्मद शाबान, अब्दुल रहीम अज़हरी, जामिन मोहीउद्दीन, असलम निज़ामी, नूर आलम, युसुफ अंसारी, मोहम्मद हसीन आदि लोग मौजूद थे।
खानकाहे हुसैनी में परचम कुशाई की रस्म अदा कर उर्स गरीब नवाज़ की शुरुआत हुई