नगर प्रशासन ने आम जनता में फैले भ्रम को मिटाने की कोशिश की



हफ़ीज़ अहमद खान
कानपुर ।  जिस तरह एनआरसी,सीएए जनता द्वारा विरोध प्रदर्शन को नगर प्रशासन द्वारा पर्चो के माध्यम से जनता को जागरूक करने के लिए नागरिकता संशोधन अधिनियम के बारे में घनी आबादी क्षेत्रों में सूचना कार्यालय द्वारा पुलिस प्रशासन के माध्यम से एनआरसीसी पर्चो  को बांटते हुए बताया की एनआरसी सीएए आम मुसलमानों के खिलाफ नहीं है! यह कानून सिर्फ नागरिकता देने के लिए है किसी की नागरिकता जीने का अधिकार इस कानून में नहीं है! भारत के अल्पसंख्यकों विशेषकर मुसलमानों का उसे कोई अहित नहीं है सीएए देश के नागरिकों की नागरिकता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा इस अधिनियम के तहत पाकिस्तान अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक उत्पीड़न के कारण वहां के आए हिंदू ईसाई सिख पारसी जैन और बौद्ध धर्म को मानने वाले शरणार्थियों को भारत की नागरिकता दी जाएगी जो 31 दिसंबर 2014 से पूर्व ही भारत में रह रहे हो तथा जो केवल इस 3 देशों से धर्म के आधार पर प्रसारित किए गए हो अभी तक भारतीय नागरिकता लेने के लिए 11 साल भारत में रहना अनिवार्य था उन लोगों के लिए जिन्होंने बरसों से बाहर उत्पीड़न का सामना किया और उनके पास भारत आने के अलावा और कोई वजह नहीं है! थाना चमनगंज से सब इंस्पेक्टर अजय पाल सिंह, हेड कांस्टेबल लव कुश शुक्ला ने थाना चमन के अंतर्गत सभी बड़े बुजुर्ग बच्चों को नागरिक संशोधन अधिनियम 2019 पर्चो वितरण करके अवगत कराया गया ।